Thursday 7 June 2018

आशाएँ...





















ख़त्म करते हैं आज सब कुछ, सारी पुरानी बातें भूलकर
ख़त्म करते हैं आज यह ज़िन्दगी, सारे रिश्ते नाते तोड़कर
वो यादें, कुछ मुलाकातें, कुछ आँसू, ढेर सारी मुस्कुराहटें
वो चंद लम्हें जिनमें खोकर ख़ुद से रूबरू हुए
खामोश कर देते हैं आज सबको अपनी तन्हाइयों से
तोड़ देते हैं सारी बन्दिशें, हो जाते हैं आज़ाद हमेशा हमेशा के लिए
चलते हैं दूर खुद से हमेशा हमेशा के लिए

या फ़िर,
ख़त्म करते हैं आज सब कुछ, सारी पुरानी बातें भूलकर
और करते हैं एक नयी शुरुवात
क्योंकि

जिसे ढूंढता है तू हर कहीं, जिसे पाना चाहता है हर पल
झाँक कर देख अपने अंदर, कर बुलंद अपने हौंसले
राहों से मंजिलें और मंजिलों से राहें ढूंढता चल
कर हासिल वो शिखर

कि ख़ुदा भी झुक जाए तेरे जूनून के सामने| 

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